आपकी हथेली का सूर्य पर्वत ही देता है यश-पद और लोकप्रियता

Indian Astrology | 07-May-2020

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हस्त रेखा विज्ञान जीवन में बहुत महत्व रखता है| हस्त रेखा विज्ञान के माध्यम से मनुष्य भविष्य के बारे में सचेत होकर सही गलत का निर्णय ले सकता है| हथेली में कई प्रकार की रेखाएं पाई जाती हैं| इन रेखाओं का अपना महत्व है| सूर्य रेखा मानव जीवन में यश मान-प्रतिष्ठा व ऐश्वर्य दिलाने में सहायक होती है| सूर्य रेखा को यश रेखा भी कहते हैं| यदि किसी व्यक्ति के हाथ में जीवन रेखा, हृदय रेखा, मस्तिष्क आदि रेखाएं पुष्ट हों, परन्तु यदि हाथ में सूर्य रेखा कमजोर या दूषित हो तो व्यक्ति को जीवन में मान- हानि का सामना करना पड़ता है, व उसका जीवन शून्य होकर रह जाता है| सूर्य पर्वत यदि पूर्णरूपेण उन्नत, विकसित तथा आभायुक्त हो तो ऐसा जातक उच्च स्थान पर पहुंचने वाला होता है। 

ऐसा जातक हंसमुख तथा मित्रों में घुल-मिलकर चलने वाला होता है। हथेली पर पर्वतों की स्थिति अलग-अलग स्थानों पर बनती है। हथेली में गुरु, शनि, सूर्य, बुध अंगुली के निचले हिस्से में रहते हैं, वहीं मंगल तर्जनी व अंगूठे के मध्य, शुक्र पर्वत अंगूठे के नीचे, चंद्र पर्वत कनिष्ठिका अंगुली के नीचे व कलाई के ऊपर वाले भाग में स्थित है। अनामिका अंगुली के मूल में तथा हृदय रेखा के ऊपर का भाग सूर्य पर्वत कहलाता है। यदि सूर्य पर्वत विकसित है तो सफलता का सूचक होता है। हाथ में सूर्य पर्वत का न होना व्यक्ति के लिए साधारण स्थिति व उपेक्षित जीवन का परिचय होता है। सूर्य पर्वत का विकास ही मनुष्य को प्रतिभावान और यशस्वी बनाता है। अपने उद्गम स्थल के आधार पर सूर्य रेखा मुख्यतः १२ प्रकार की होती है| सूर्य रेखा का फल व्यक्ति के जीवन पर किस प्रकार पड़ेगा| यह सूर्य रेखा के उद्गम स्थल के आधार पर तय किया जाता है|

सूर्य पर्वत यदि पूर्णरूपेण उन्नत, विकसित तथा आभायुक्त हो तो ऐसा जातक उच्च स्थान पर पहुंचने वाला होता है। ऐसा जातक हंसमुख तथा मित्रों में घुल-मिलकर चलने वाला होता है। ऐसे जातक विख्यात होकर जनसाधारण में लोकप्रिय होते हैं। ये व्यक्ति सफल कलाकार, श्रेष्ठ संगीतज्ञ, यशस्वी चित्रकार भी होते हैं। इनमें प्रतिभा जन्मजात होती है। व्यावहारिक दृष्टि से ये ईमानदार तथा वैभवशाली जीवन जीने के इच्छुक होते हैं। ऐसे जातक सफल व्यापारी एवं उत्तम आय वाले होते हैं। यह अनामिका अंगुली के नीचे होता है | शनि पर्वत ओर बुध पर्वत के मध्य होता है | इस पर्वत में उभार होने से मनुष्य में उत्साह एवं सौंदर्य प्रियता होती है | भले ही वह व्यक्ति कलाकार या संगीत-प्रेमी न हो, फिर भी उसकी रूचि संगीत ओर कला में होती है | यह पर्वत मनुष्य की सफलता का सूचक है | यदि यह पर्वत अनुपस्थित है तो व्यक्ति साधारण जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य है | पर्वत का विकास मनुष्य को निश्चय ही उच्च पदों पर ले जाता है | इस पर्वत का होना नितांत आवश्यक है क्योकि यश, मान, प्रतिष्ठा, सफलता, प्रेम इसी पर निर्भर करता है |

विकसित गुलाबी पर्वत वाले व्यक्ति जीवन में सफलताए प्राप्त करते है | समाज में लोकप्रिय होते है | स्वभाव से प्रसन्नचित मिलनसार ओर व्यावहारिक जीवनयापन करते है, इनके संपर्क में आकर व्यक्ति इनसे प्रभावित होता है | धनवान होते हुए भी ईमानदार होते है एवं वैभवपूर्ण जीवन व्यतीत करते है | इनकी आय के साधन एक से अधिक होते है | जीवन धनाभाव रहित होता है तथा जन्म से ही प्रतिशाली होते है | इनके कार्यो की चर्चा समाज में होती ही रहती है | समाचार पत्रों में प्रकाशित रहते है | ये जिससे प्रेम करते है, जीवनपर्यन्त निर्वाह करते है | इनकी सफलताओ से इनके निकटस्थ व्यक्ति इनसे ईर्ष्या करने लगते है | प्रेम ही इनका साथी है, सफलताए ही इनकी सहचरी है | ऐसे व्यक्ति भौतिकवादी होते हुए भी ईश्वरवादी होते है | इनकी मनोवैज्ञानिक क्षमता तथा व्यवहार कुशलता इस प्रकार की होती है कि सामने वाले व्यक्ति के मन में क्या है, यह जानकर उससे उसी प्रकार की चर्चा करते है | हृदय से विशाल होते है | यह अपनी छोटी-सी भूल को भी साधारण व्यक्ति के समक्ष स्वीकार कर लेते है  परन्तु यह अन्याय के समक्ष किसी भी परिस्थिति में समझौता करने को तत्पर नहीं होते है तथा अन्याय को मूलत: नष्ट करके ही शांत होते है | प्रायः ऐसे व्यक्ति सफल कलाकार, संगीतज्ञ, चित्रकार, भविष्यवक्ता, लेखक ओर राष्ट्रनेता होते है |

सूर्य पर्वत वाले जातक सामने वाले के मन की थाह पाने वाले होते हैं। हथेली में यदि सूर्य पर्वत विकसित हो तो सामान्य व्यक्ति भी श्रेष्ठ धन-संपन्न बन जाता है। इनके जीवन में कई बार आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। इनका रहन-सहन राजसी और वैभवपूर्ण होता है। ऐसे व्यक्ति हृदय से कोमल होते हैं और बड़ी सहजता से अपनी गलती स्वीकार करने वाले होते हैं। ऐसे जातक सुलझे विचारों और प्रतिभा के धनी होने से अपना विरोध सह नहीं पाते और मुंह पर स्पष्ट बात कह देते हैं। ऐसे जातक कुछ कर गुजरने की क्षमता लिए रहते हैं।

हथेली में सूर्य पर्वत न होने पर जातक विवेकहीन एवं मन्दबुद्धि होता है| असफलताओं के कारण, आर्थिक और  मानसिक तनाव के कारण पारिवारिक जीवन कलहपूर्ण रहता है| यदि सूर्य पर्वत कम विकसित है तो उनकी कला एवं सौंदर्य के प्रति रूचि होती है, किन्तु उनमे सफल नहीं हो पाते हैं| घर-गृहस्थी के मायाजाल में ही फंसे रहते हैं| स्पष्ट रूप से विकसित सूर्य पर्वत आत्मविश्वास, सज्जनता, दया, उदारता तथा धन वैभव की सूचना देता है। अत्यंत श्रेष्ठ सूर्य पर्वत वाले में कुछ विशेष गुण होते हैं| आत्म-विश्वास, साहस, व्यवहार कुशलता, उदारता, प्रेम, दया, करुणा तथा धन-वैभव आदि गुणों से युक्त होकर समाज में विशेष सम्मान पाते हैं| पर्वत का अत्यधिक विकसित होना भी उत्तम नहीं है| ऐसे व्यक्तियों में अहंकार बहुत बढ़ जाता है, ईर्ष्या, द्धेष, चाटुकारिकता, अपव्यय, झगझलु, निम्नस्तरीय मैत्री आदि दुर्गुण होते हैं| साथ ही अंगूठे का प्रथम पोर अधिक लम्बा तथा द्वीतीय पोर छोटा हो, अंगुलियां टेढ़ी हो तो  समस्त हाथ में अच्छाईयां होने के बाद भी व्यक्ति विशेष दुर्गुण युक्त होगा |

ऐसे व्यक्ति समाज में दूसरों को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। ऐसे जातक सम्मानित भी होते हैं। सूर्य पर्वत जरूरत से ज्यादा विकसित (उभरा) होने पर वह व्यक्ति अत्यधिक घमंडी, झूठी प्रशंसा करने वाला, फिजूलखर्ची वाला झगड़ालू भी होता है। ऐसे लोग जीवन में पूर्ण सफलता नहीं पाते। इनकी मित्रता भी सामान्य लोगों तक रहती हैं।

यदि सूर्य पर्वत का झुकाव शनि पर्वत की ओर है तो उसका पतन अवश्यम्भावी है | उस व्यक्ति में निराशा, उदासी, एकांतप्रियता, आलस्य, निशारुदन, आदि भावनाए होती है | यह किसी भी कार्य को आरम्भ तो करते हैं लेकिन पूर्ण नहीं कर पाती| आर्थिक संघर्ष इनके सम्पूर्ण-जीवन में व्याप्त रहता है सूर्य का शनि की ओर झुकना भाग्यहीन दरिद्र जीवन व्यतीत करने के लिए विवश करता है| यदि यही पर्वत बुध की ओर झुका हुआ हो तो वह व्यक्ति निसंदेह आर्थिक रूप से संपन्न रहता है| समाज में सम्माननीय जीवन व्यतीत करता है| व्यापार, लेखन कार्य, चिकित्सा, ज्योतिषि जगत में असाधारण सफलता अर्जित करता है| अनामिका अंगुली यदि टेढ़ी है और बेडौल है तो उस व्यक्ति में सूर्य के गुणों में न्यूनता आ जाती है| प्रतिशोध की भावना बढ़ जाती है| व्यवहार में भी कटुता रहती है| यदि अंगुली का सिरा कोंणदार है तथा पर्वत उभार लिए है तो वह व्यक्ति कला या फिल्म के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है | स्वास्थ्य में नेत्र-विकार, हृदय रोग सूर्य पर्वत के अधीनस्थ है |

यह पर्वत यदि बुध की ओर झुका हो तो ऐसा जातक सफल व्यापारी और धनवान होकर समाज में सम्मान पाता है। सूर्य पर्वत पर ज्यादा रेखाएं व्यक्ति को बीमार बनाती है।

 यदि सूर्य पर्वत पर त्रिभुज है तो व्यक्ति धार्मिक, परोपकारी प्रवृति का होता है| यदि एक सीधी और गहरी रेखा है तो वह धन और ख्याति प्राप्त करता है| दो रेखाए होने पर प्रतिभा होने पर भी सामान्य सफलता मिलती है| छोटी रेखाए अधिक होने पर कलात्मक चिंतन, आर्थिक तनाव, योजनाए अधिक पर कार्यरूप में परिणित कम, लाभ नहीं होता है | तिल होने पर हमेशा बदनामी होने का डर बना रहता है|

सूर्य रेखा एवं सूर्य पर्वत पर ही यदि त्रिभुज का चिन्ह है तो वह व्यक्ति अंत:राष्ट्रीय सफलता अर्जित करता है| यदि सूर्य पर्वत पर क्रास का चिन्ह है, साथ ही सूर्य रेखा भी है तो उसे सफलता मिलती है, परन्तु रेखा न होने पर उसे समाज में बदनामी उठानी पड़ती है तथा जीवन संघर्षमय रहता है| यदि सूर्य पर्वत पर वृत का चिन्ह है तो वह व्यक्ति उच्च विचारो वाला विश्व ख्याति अर्जित करता है| यदि सूर्य पर्वत पर द्धीप का चिन्ह है तो वह व्यक्ति निराशावादी जीवन व्यतीत करता है| यदि सूर्य पर्वत पर वर्ग का चिन्ह है तो वह व्यक्ति धन, यश एवं प्रतिष्ठा तथा उच्च पद प्राप्त करता है|

यदि सूर्य पर्वत पर जाल का चिन्ह है तो उसे समाज में अपमानित जीवन व्यतीत करना पड़ता है| यदि पर्वत में नक्षत्र या तारे का चिन्ह है और सूर्य रेखा भी है तो उसे असाधारण ख्याति और धन प्राप्त होता है| यदि रेखा नहीं है और नक्षत्र का चिन्ह है तो भी वह व्यक्ति समस्त भौतिक सुखो का उपयोग करने वाला होता है|

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