अपने मान-सम्मान में वृद्धि लाने के लिए कीजिये ये उपाय और बढ़ाइये अपना यश।
Indian Astrology | 19-Aug-2019
Views: 43486इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो लज्जित रहते हैं. मान सम्मान यश आदर उनके पास नहीं हैं और कोई चारा इसलिए नहीं रह जाता क्यूंकि उन्होंने अपने जीवन में कुछ गलत कदम उठा लिए होते हैं, अब वापस नहीं जा सकते तो फिर पुराने गल्तियों की सज़ा उन्हें भुगतनी पड़ती है, हमारे समाज में कोई भी गलत नहीं बनना चाहता सब किसी न किसी परिस्थिति का शिकार हो जाते हैं ऐसे में कोई पैसे की कमी से कोई किसी और चीज़ की कमी से मान और सम्मान छोड़ कर किसी और तरफ चलता है, पर यह बात हर जगह लागू होती है की मान सम्मान सबको प्रिय है और सब उसकी आशा करते हैं. ऐसी परिस्थिति में मान- सम्मान पाने के लिए कुछ उपायों को आप कर सकते हैं जिससे कि समाज में ऊँचा उठा जा सकता है।
मान- सम्मान पाने के कुछ उपाय-
• सर्वप्रथम यह जान लें कि मान- सम्मान, प्रतिष्ठा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए जाने वाली पूजा, उपाय व टोटकों को करने के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है।
• गुरु ग्रह को सौभाग्य, सम्मान और समृद्धि नियत करने वाला माना गया है अतः शास्त्रों में यश व सफलता प्राप्ति के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति के लिए गुरु ग्रह दोष शांति का एक बहुत ही सरल उपाय बताया गया है, यह उपाय औषधीय स्नान के रूप में प्रसिद्ध है इसे प्रत्येक व्यक्ति दिन की शुरुआत में नहाते वक्त कर सकता है- नहाते वक्त (गुड़, सोने की कोई वस्तु, हल्दी, शहद, शक्कर, नमक, मुलेठी, पीले फूल, सरसों) चीजों में से थोड़ी मात्रा में कोई भी एक चीज जल में डालकर नहाने से गुरु दोष शांति होती है और व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
• समाज में उचित मान सम्मान प्राप्ति के लिए रात में सोते समय सिरहाने से ताम्बे के बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने/चांदी का सिक्का या अंगूठी रख लें फिर सुबह उठकर प्रभु का स्मरण करने के बाद सबसे पहले बिना कुल्ला किए उस जल को पी लें, ऐसा करने से जल्दी ही आपकी यश, कीर्ति बड़ने लगेगी।
• रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा।
• दुर्गा सप्तशती के द्वादश (12वें) अध्याय के नियमित पाठ करने से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान और मनवांछित लाभ की प्राप्ति होती है।
• समाज में मान सम्मान की प्राप्ति के लिए कबूतरों व चिड़ियों को चावल-बाजरा मिश्रित करके डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।
• अपने बच्चे के दूध का प्रथम दांत संभाल कर रखें, इसे चांदी के यंत्र में रखकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करने से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
• यदि आप चाहते हैं कि आपके कार्यों की सर्वत्र सराहना हो और लोग आपका सम्मान करें, आपकी यश कीर्ति बड़े तो रात को सोने से पूर्व अपने सिरहाने से तांबे के बर्तन में जल भरकर रखें और प्रात:काल इस जल को अपने ऊपर से सात बार उसार करके किसी भी कांटे वाले पेड़ की जड़ में डाल दें। ऐसा नियमित 40 दिन तक करने से आपको अवश्य ही लाभ मिलेगा।
• ज्येष्ठा नक्षत्र में जामुन के वृक्ष की जड़ लाकर अपने पास संभल कर रखने से उस व्यक्ति को समाज से व प्रसाशन से अवश्य ही मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
• गले, हाथ या पैर में काले डोरे को पहनने से व्यक्ति को समाज में सरलता से मान सम्मान की प्राप्ति होती है, उसे हर क्षेत्र में विजय मिलती है।
• रात्रि के समय सोने से पहले अपने पलँग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख ले, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल ले इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होगा।
• आप किसी मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल पर रविवार के दिन 5 बादाम चढ़ाएं. ये उपाय लगातार 5 रविवार तक करने पर आपको खोई हुई मान सम्मान और प्रसिद्धि मिलने लगेगी.
• अपने घर में रविवार के दिन नमक का प्रयोग नही करना चाहिए, इस दिन आप सेंधा नमक का प्रयोग करें और मीठा भोजन ग्रहण करना चाहिए।
• आप आपने घर के दक्षिण के हिस्से में बहुत सारे फूलों के गमले लगा दें, फूल अगर लाल रंग के हो तो बहुत ही अच्छा है. इस प्रयोग से घर में हरियाली और प्राकृतिक सौन्दर्य तो बड़ेगा ही, साथ में आपके घर में यश और प्रसिद्धि की वर्षा भी कर देगा|
• एक सफ़ेद रंग के रुमाल में कुछ मात्रा में कोयले बांध दें और इसे किसी सुनसान स्थान पर रखकर भगवान गणेश से कलंक से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें, ये उपाय आपके यश में कमी को पूरी तरह से दूर कर देगा|
• मान- सम्मान बढ़ाने के उपाय के अंतर्गत सुबह उठने के बाद आधे घंटे तक आईने में अपना चेहरा न देखें, जब आप सुबह उठें तो आपके दोनों हाथों की हथेलियों को अपने मुख के सम्मुख ला कर निहारते रहें और भगवान से प्रार्थना करें.