शीघ्र विवाह के सरल ज्योतिष उपाय - Astrology Tips for Early Marriage

Indian Astrology | 01-Jun-2020

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शीघ्र विवाह या सही समय पर शादी का होना हर युवक-युवती की इच्छा होती है। विवाह में देरी होने से नौजवानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विवाह में आने वाली परेशानियों की ज्योतिष शास्त्र में कई वजह बताई जाती हैं। 

जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से कोई भी युवक या युवती  विवाह की खुशी से वंचित रह सकते हैं कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं। उम्र लगातार बढती जाती है और लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते बन नहीं पाते हैं या मनचाहे रिश्तों का तो जैसे आकाल ही पड़ जाता है, इनमें मांगलिक दोष, बृहस्पति और शुक्र ग्रह की खराब स्थिति आदि वजह प्रमुख हैं। 

यदि किसी भी युवक और कन्या की कुंडली में ऐसे दोष हैं तो विवाह में देरी या शादी के बाद परेशानी उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने में समझदारी रहती है। ज्योतिष विद्या में शीघ्र विवाह के सरल उपाय मौजूद हैं। इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है। 

व्रत, तंत्र-मंत्र, टोटके जैसे तमाम ज्योतिष और धार्मिक उपायों से विवाह में आ रही मुश्किलों को दूर किया जा सकता है। यहाँ पर हम बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय बता रहे है जिनको सच्चे मन से करने से वर एवं कन्या दोनों को ही निश्चित रूप से मनवांछित लाभ प्राप्त होगा। आइये जानते हैं शीघ्र विवाह के अचूक उपाय.


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विवाह में बाधा आने के कारण | Vivaah Me Badha Aane ke karan

कई जातकों की जन्मकुंडली में ऐसे योग भी होते हैं जिससे उनकी शादी में बाधाएँ आती है और अनेक कोशिशों के बावजूद वे शादी की ख़ुशी से वंचित रह जाते हैं इसलिए जिस प्रकार एक चिकित्सक के लिए किसी रोगी को ठीक करने से पहले उसके मर्ज़ को पहचानना आवश्यक है उसी प्रकार विवाह में हो रही देरी अथवा शादी न होने का कारण भी जानना उतना ही आवश्यक है। आइए शीघ्र विवाह के उपाय पर चर्चा करने से पहले ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानते हैं कि शादी-विवाह में देरी क्यों होती है|

मांगलिक दोष | Manglik Dosh

शीघ्र विवाह के उपाय में मांगलिक दोष का समाधान होना आवश्यक होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो उसकी शादी में बाधा आएगी। इसके अलावा इस दोष के साथ यदि जातक का विवाह हो चुका है तो शादी में कलह की स्थिति बनी रहेगी इसलिए एक मांगलिक की शादी एक मांगलिक जातक से ही होनी चाहिए। इससे मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।

सप्तमेश का बलहीन होना | Saptamesh

यदि जातक के सप्तम भाव का स्वामी दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो अथवा अपनी नीच राशि में स्थित हो तो वह बलहीन हो जाता है। इसके अलावा सप्तमेश 6, 8, 12 भाव में स्थित होने पर कमज़ोर होता है और इसके प्रभाव से जातकों के विवाह में देरी होती है।

विवाह में शनि की भूमिका | Role of Shani in Marriage

विवाह में विलंब में शनि की प्रमुख भूमिका होती है। अतः शनि का उपाय करने से भी शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हैं। 

बृहस्पति ग्रह का बलहीन होना | Jupiter

यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो, सूर्य के प्रभाव में आकर अस्त हो अथवा अपनी नीच राशि मकर में स्थित हो तो वह बलहीन हो जाएगा और इससे जातक को शादी-विवाह में दिक़्क़त का सामना करना पड़ेगा।

शुक्र का नीच होना:-

यदि जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर होता है तो उसके जीवन में कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता है और इसलिए जातक को अपने विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

नवांश कुंडली में दोष:-

जन्म कुंडली के नौवें अंश को नवांश कुंडली कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस कुंडली से जातक के जीवन साथी के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सकता है इसलिए यदि जातक की इस नवांश कुंडली में दोष हो तो जातक के विवाह में बाधाएँ उत्पन्न होंगी।


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शीघ्र विवाह के उपाय | Remedies for Early Marriage

ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य की हर एक समस्या का समाधान है। जातकों के शीघ्र विवाह के लिए भी इसमें विशेष उपाय दिए गए हैं जो इस प्रकार हैं-

  • प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती से अर्गलास्तोत्रम् का पाठ करने से अविवाहित जातकों का शीघ्र विवाह होता है।
  • प्रत्येक गुरुवार को पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। इससे विवाह के शीघ्र होने के योग बनते हैं।
  • यदि कोई वर किसी कन्या को शादी के लिए देखने जा रहा है तो उनको गुड़ खाकर जाना चाहिए। इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
  • गणेश जी की आराधना करनी चाहिए और उन्हें लड्डुओं का भोग लगाएँ। ऐसा करने से अविवाहित पुरुषों की शादी में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं जबकि कन्याओं को गणपति महाराज को मालपुए का भोग लगाना चाहिए।
  • गुरुवार के दिन आटे के दो पेडों पर थोडी-सी हल्दी लगाकर, थोड़ा गुड़ और चने की दाल गाय को खिलाएं। इससे विवाह का योग शीघ्र बनता है।
  • कहते हैं कि शिव-पार्वती जी का पूजन करने से विवाह की मनोकामना पूरी हो जाती है इसलिए अविवाहित जातकों को शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए एवं बेल पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि से विधिवत पूजा करनी चाहिए।
  • शीघ्र विवाह के उपाय के तौर पर जातकों को शरीर पर पीले वस्त्र धारण करना चाहिए।
  • प्रत्येक गुरुवार को पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। इससे विवाह के शीघ्र होने के योग बनते हैं।
  • सोमवार के दिन चने की दाल एवं कच्चे दूध का दान करें और यह प्रयोग तब तक करते रहना चाहिए जब तक कि जातक का विवाह न हो जाए।
  • भोजन में केसर का सेवन करना चाहिए ऐसा करने से जल्दी शादी होने की संभावनाएँ होती हैं।
  • गुरुवार को केले के वृ्क्ष के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएँ और गुरु (बृहस्पति) के 108 नामों का उच्चारण करें और ऐसा करने से जातकों का विवाह शीघ्र होता है।
  • जल में बड़ी इलायची डालकर उसे उबालें। फिर इस जल को स्नान के पानी में मिलाएँ। इसके बाद इस पानी से स्नान करें। इस उपाय से शुक्र के दोषों का निवारण होता है।
  • शुक्रवार के दिन सूर्यास्त से पूर्व विवाह शीघ्र होने की ईश्वर से प्रार्थना करें और फिर रसोई घर में बैठकर भोजन ग्रहण करें।
  • पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करने से अविवाहित जातकों की विवाह की इच्छा पूरी होती है। यह शीघ्र विवाह का अच्छा उपाय माना जाता है।
  • यदि अविवाहित कन्या किसी अन्य कन्या की शादी में जाए और वहाँ दुल्हन के हाथों से मेहंदी लगवा ले तो इससे उसकी शीघ्र शादी की संभावनाएँ बनती है।
  • विवाह योग्य कन्या गुरुवार के दिन तकिए के नीचे हल्दी की गांठ को पीले वस्त्र में लपेट कर रखें। ऐसा करने से विवाह का योग शीघ्र बनता है।

शीघ्र विवाह हेतु मंत्र-

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्।

तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम।।

यह मंत्र दुर्गा सप्तशती से उद्घृत है। शादी की कामना करने वाले पुरुष जातकों को स्नान के बाद 11 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे उनकी कामना पूर्ण होगी। यह शीघ्र विवाह का अचूक उपाय है।

“ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा”

मंगलवार के दिन लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा को घर में स्थापित करें, उसके बाद पंचोपचार विधि से पूजन के उपरांत इस मंत्र का 21 बार जाप करें।

“क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”

उक्त मंत्र का 108 बार जाप करने से अविवाहित कन्या अथवा वर का शीघ्र विवाह संपन्न हो जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

व्रत-

वैदिक ज्योतिष में शीघ्र विवाह के कई उपाय बताये गये हैं। विवाह योग्य जातक व्रत रखकर और ईश्वर भक्ति करके भी अपनी शादी की मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं। 

सोलह सोमवार व्रत-

सोमवार का व्रत भगवान शिव को समर्पित है और यह जल्दी शादी होने का अचूक उपाय माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सोलह सोमवार का व्रत पूरे विधि विधान के साथ करने से सारी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। 

बृहस्पतिवार व्रत:- 

शीघ्र विवाह के उपाय के तौर पर बृहस्पतिवार  के दिन व्रत रखने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं। विशेषकर स्त्रियों के लिए यह व्रत शुभ फलदायी माना गया है। इस व्रत को धारण करने से मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत को विवाह योग्य वर अथवा कन्या अपने शीघ्र विवाह के लिए रखते हैं।


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