ज्योतिष और हिन्दू संस्कृति में केले के पेड़ का महत्व और उपयोग

Indian Astrology | 29-Apr-2020

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पेड़-पौधे जहां औषधीय महत्व रखते हैं तो वहीं आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व भी रखते हैं| शास्त्रों में भी पेड़ पौधों का विशेष महत्व दिया गया है। ऐसा ही एक पौधा है केले का पौधा, जिसे हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है और कई धार्मिक कार्य में इसका उपयोग किया जाता है। हिन्दू धर्म और ज्योतिष दोनों में ही केले के पेड़ का प्राचीन काल से लेकर अब तक बहुत बड़ा महत्व है। हिन्दू धर्म के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी का निवास होता है। भगवत पूजा में इसका उपयोग करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख समृद्धि और शांति का वर प्राप्त होता है। केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। 

इसके पत्तों को घर के प्रवेश द्वार पर शादी विवाह और कथा के दौरान मंडप बनाने के काम में लाया जाता है। केले के पत्ते पर भोजन ग्रहण करने वाले को उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं गुरुवार को भगवान वृहस्पतिदेव की पूजा में भी इसका महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केले के पेड़ का संबंध मुख्य रुप से बृहस्पति देव से होता है। जिन जातको की जन्मकुण्डली में बृहस्पति कमजोर होता है, उन लोगों के लिए केले के पेड़ की पूजा बहुत ही फलदाई मानी जाती है। हिन्दू संस्कृति में केले के पेड़ को पूजने से वैवाहिक दोष, घर की अशांति तथा कलह दूर हो जाती है। केले के पेड़ को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करने वाले पेड़ों की श्रेणी में रखा जाता है।

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केले के पौधे और पत्तों का महत्व-

कदली व्रत में इस पौधे की पूजा होती है तो कथा-पूजन में केले के पत्ते सजाए जाते हैं, श्री सत्यनारायण की कथा में भी केले के पत्तों का मंडप बनाया जाता है, दक्षिण भारत में केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है| केले के पेड़ का हर हिस्सा जैसे केले के फल, केले के पत्ते, केले का तना हमारी हिन्दू धर्म की पूजा में बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके हर हिस्से में पवित्रता और शुद्धता होती है इसी कारण इसे हर पूजा में प्रयोग करना उचित माना जाता है। प्राचीन काल से लेकर अब तक इसके पत्तों का उपयोग हम भोजन करने के लिए करते है। ज्योतिष की मान्यता के अनुसार सात गुरुवार नियमित विधि विधान से केले के पेड़ की पूजा करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जिन जातकों की जन्म कुण्डली में मंगल दोष होता है, यदि उनका विवाह पहले केले के पेड़ से करवा दिया जाता है तो उनका मांगलिक दोष दूर हो जाता है। हिन्दू संस्कृति में शुभ कार्यों के पूर्व घरों के दरवाजों में केले के पत्ते लगाना बहुत ही शुभ माना गया है। जो लोग इस प्राचीन परंपरा को निभाते है, उनके शुभ कार्यों में कोई बाधा नही आती है और वह बिना किसी विध्न के पूर्ण हो जाते है। केले के पेड़ की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो जातक पुखराज लेने में सक्षम नही है वह केले की जड़ को किसी पीले धागे से बांध कर गले या फिर दाहिनी भूजा में धारण कर लें तो जितना फल पुखराज को धारण करने से मिलता है ठीक उतना ही फल केले की जड़ से प्राप्त हो जाता है|

हिन्दू धर्म में हर पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान अर्थात भगवान विष्णु जी की पूजा का विधान होता है और उनकी पूजा में मुख्य रुप से केले के पत्ते तथा केले के फल पूजा के रुप में लाये जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु जी को पीले फल बहुत पसंद हैं और उनका वास केले के पेड़ में होता है। शादी विवाह के समय मंडप का निर्माण भी केले के पत्तो तथा केले के पेड के तने से किया जाता है। और ऐसा करना मंगलकारी माना जाता है|

इसलिए शुभ माना जाता है केले के पत्ते को-

हिन्दू धर्म में केले के पेड़ को सबसे ज्यादा शुद्ध और पवित्र माना जाता है। भारतीय संस्कृति में बहुत सी परंपराओं का पालन किया जाता है जिनमें से केले के पत्ते पर खाना खाने की एक अनूठी परंपरा है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पत्ते को भगवान श्री विष्णु से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य के समय केले के पत्ते का उपयोग जरूर किया जाता है। न केवल खाना खाने के लिए बल्कि साजवट और अन्य कामों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। केले के पत्ते का प्रयोग मुख्य रूप से उत्तर भारत में सत्यनारायण पूजा के दौरान किया जाता है ।


केले के पत्ते पर खाना खाने से होते हैं ये विशेष लाभ-

  • ऐसा माना जाता है कि केले के पत्ते में बहुत से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं और जब इस पत्ते पर खाना खाया जाता है तो सभी पौष्टिक तत्व खाने में मिलकर हमारे शरीर में पहुँचते हैं जिससे हमें काफी लाभ मिलता है।
  • रोजाना केले के पत्ते पर खाना खाने से बालों से जुड़ी समस्याएं नहीं होती और साथ में शरीर में फोड़े फुंसी आदि भी नहीं निकलते। केले के पत्ते में उपास्थित पोषक तत्व हमारे भोजन में मिल जाते हैं और रोगों तथा बिमारियों से बचाने में हमारी मदद करते हैं।
  • केले के पत्ते पर खाना खाने से अपच, गैस और कब्ज आदि जैसी समस्याएं भी नहीं होती।
  • वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार केले के पत्ते में हमारे शरीर के लिए आवश्यक बहुत से एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसलिए इन पत्तों पर खाना खाने से वो जरूरी एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में पहुँचते हैं जो हमें बहुत से रोगों से बचाने का काम करते हैं
  • केले के पत्ते पर खाया जाने वाला खाना और ज्यादा स्वादिष्ट बन जाता है क्योंकि इन पत्तों पर गर्म खाना परोसने से एक ऐसे तत्व का स्त्राव होता है जो खाने को और भी स्वादिष्ट बना देता है।
  • केले के पत्ते पर खाना खाने के धार्मिक मान्यताओं के साथ ही कुछ ऐसे वैज्ञानिक कारण भी हैं जो आपको भोजन करने के लिए इन पत्तों का उपयोग करने पर मजबूर कर देंगें।

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पूजन में केले का भोग-

बृहस्पतिवार के व्रत में भगवान विष्णु को केले के फल का भोग लगाया जाता है, इस दिन भगवान विष्णु के रूप में केले के पेड़ की पूजा की जाती है और व्रत में केले की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन केला नहीं खाया जाता है| पुरी में भगवान जगन्नाथ एवं भगवान श्रीकृष्ण को केले के फूल से बनी शाक का भोग लगाया जाता है| चैतन्य महाप्रभु को भी यह भोग अत्यंत प्रिय है, केले की पवित्रता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पुराने समय में इसके तने से निकाले गए पानी से ही उपवास के लिए पापड़ आदि पदार्थ बनाए जाते थे|

ऐसे करें केले का पूजन-

  • सुबह मौन व्रत का पालन कर स्नान करें और केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं|
  • हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ केले को समर्पित करें|
  • अक्षत, पुष्प आदि मंगल चीजें चढ़ाएं और केले के पेड़ की परिक्रमा करने के पश्चात भगवन विष्णु और बृहस्पतिदेव की पूजा करें|
  • घर के आंगन के वृक्ष को छोड़ किसी दूसरे पेड़ की ही पूजा करना चाहिए|

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