कैसे विंड चाइम की आवाज़ से जागेगी आपकी सोई हुई किस्मत ? जाने......

Indian Astrology | 23-Apr-2019

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विंड चाईम जिसे पवन घंटी के नाम से भी जाना जाता है, यह फेंगशुई ज्योतिष पद्वति की सामग्री है। यह माना जाता है कि इसे जिस भी स्थान पर लगाया जाता है वहां यह भाग्य और उन्नति अपने साथ लेकर आता है। विंड चाईम लगाने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि इसे सही दिशा और सही स्थान में ही लगाना चाहिए। इसके फलस्वरुप इससे मिलने वालों में वृद्धि होती है और इसके प्रतिकूल फलों से भी बचा जा सकता है। जहां एक ओर इसकी आवाज से भाग्य का ताला खोल सकती है। वही इसका सही प्रयोग न किया जाए तो यह दुर्भाग्य का कारण बनता है। वास्तु शास्त्र घर के निर्माण, रख-रखाव और साज सज्जा से संबंधित विग्यान है। वास्तु शास्त्र के नियमों को ध्यान में रख अपने भाग्य को बल प्रदान कर सकते है। इस शास्त्र में यह उल्लेख है कि अमुक वस्तु घर में अमुक स्थान पर रखनी चाहिए। घर में वस्तुओं की सही दिशा और रख-रखाव के विषय में वास्तु शास्त्र जानकारी देता है। नियम अनुसार वस्तुएं रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

विंड चाईम के अलावा लाफंग बुद्धा, क्रिस्टल कछुआ, क्रिस्टल बाल, क्रिस्टल ग्लोब और वाटर फांउटेन इनमें से कुछ सामग्रियां है। इनमें से किसी भी वस्तु का प्रयोग करते समय यह आवश्यक है कि इन्हें नियमानुसार रखा जाए। इन्हीं में से एक विंड चाईम है, भाग्य वॄद्धि करने के लिए यह बहुत उत्तम सामग्री है। लाभकारी वस्तुओं में विंड चाइम की गिनती की जाती है। इसकी मधुर आवाज से आसपास का माहौल तो सकारात्मक होता है साथ ही यह सौभाग्य को बेहतर करने का भी कार्य करती है। इसके शुभ प्रभाव से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति और उन्नति की स्थिति बनती है। आईये जाने कि किस प्रकार इससे शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते है -

विंड चाइम अनेक प्रकार और अनेक धातुओं में पाई जाती है। उपयोगों को ध्यान में रखते हुए इसमें से धातुओं का चयन किया जाता है। विंड चाइम से मिलने वाले परिणाम इसकी सही दिशा पर बहुत कुछ निर्भर करते है। जैसे- विंड चाइम यदि लोहे या अन्य धातु से बना हुआ हो तो इसे आप घर या व्यावसायिक स्थल की पश्चिम दिशा में लगा सकते है। इसी तरह लकड़ी अथवा मिट्टी से बने विंड चाइम को आप घर की पूर्वी या दक्षिणी दिशा में लगा सकते.

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विंड चाइम की दिशा के अतिरिक्त इसकी लम्बाई भी नियम अनुसार होनी चाहिए। जिस भी स्थान पर विंड चाइम को लगा रहे हैं, उस स्थान पर यह ध्यान रखना चाहिए कि इसकी लम्बाई बहुत अधिक लम्बी ना हों, यह आते जाते सिर से टकराए नहीं। यदि आपके पास अधिक लम्बी विंड चाइम हैं तो आप इसे बालकनी या घर के बाहर की जगह पर लगा सकते है। विशेष बात यह है कि विंड चाइम में प्रयोग होने वाली राड्स की संख्या भिन्न भिन्न होती है। राड्स की संख्या का निर्धारण आपके उद्देश्यों पर निर्भर करता है। अच्छी बात यह है कि इसे आप घर, आफिस या बालकनी कही भी लगा सकते है।

वास्तु शास्त्र और फेंगशुई शास्त्र में यह माना जाता है कि इससे निकलने वाली मधुर आवाज अपने साथ सौभाग्य लाती है। आवाज के विषय में फेंगशुई के नियम यह कहते है कि यह बहुत मीठी होनी चाहिए और इसमें लय, मधुरता होनी चाहिए न कि यह शोर करें। यदि यह शोर करती है तो इससे घर में नकारात्मक प्रभाव आने की संभावना बनी रहती है, एवं घर की शांति भंग होती और पारिवारिक जीवन में तनाव उत्पन्न होता है।


1. घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाए रखने के लिए सात या आठ राड वाली विंड चाईम का प्रयोग किया जा सकता है।

2. वैवाहिक जीवन में अड़चनें या सुख-शांति की कमी हो और स्नेह सौहार्द आपस में ना रहता हो तो ९ राड की विंड चाईम लगाने से लाभ मिलता है।

3. आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ९ राड की विंड चाईम शयन कक्ष में लगानी चाहिए।

4. व्यापारिक आय में कमी की स्थिति का सामना कर रहे व्यक्तियों को ५ राड वाली विंड चाइम लगानी चाहिए। इसे व्यापारिक स्थल, दुकान या घर कहीं भी लगाया जा सकता है।

5. फेंगशुई के अनुसार विंड चाईम इस प्रकार लगाना चाहिए कि उसके नीचे बैठने की जगह ना हो।

6. दक्षिण पश्चिम दिशा में खाना बनाने की व्यवस्था हो, स्टोर के कमरे या टायलेट के कमरे में धातु की विंड चाइम लगानी चाहिए।

7. विंड चाइम से संबंधित नियमों के अनुसार घर की साज सज्जा रखने से पारिवारिक जीवन सुखमय एवं खुशहाल होता है।

8. उत्तर पश्चिमी दिशा व पश्चिमी दिशा तथा उत्तर दिशा में विंड चाइम लगाने से इस दिशा में सकारात्मकता का वास बना रहता है।

9. विंड चाइम को टांगने का प्रचलन है, इसे कहीं भी ऐसी जगह पर लटका सकते है जहां यह हिलते समय आसपास की दीवारों से टकराए नहीं।

10. पूर्वी दिशा या द्क्षिणी दिशा और दक्षिणी-पूर्वी दिशा में मिट्टी के विंड चाइम लगाना बेहद शुभ माना जाता है।

11. घर की शांति को उत्तम करने के लिए २-३ विंड चाइम सबसे बढ़िया रहता है।

12. उत्तर दिशा में सूर्य का प्रकाश आए और वहां पर ९ राड वाली विंड चाइम लगाने से धन आगमन, शिक्षा के क्षेत्रों में शुभता आती है।


ज्योतिष आचार्या रेखा कल्पदेव

कुंडली विशेषज्ञ और प्रश्न शास्त्री

ज्योतिष आचार्या रेखा कल्पदेव पिछले 15 वर्षों से सटीक ज्योतिषीय फलादेश और घटना काल निर्धारण करने में महारत रखती है. कई प्रसिद्ध वेबसाईटस के लिए रेखा ज्योतिष परामर्श कार्य कर चुकी हैं। आचार्या रेखा एक बेहतरीन लेखिका भी हैं। इनके लिखे लेख कई बड़ी वेबसाईट, ई पत्रिकाओं और विश्व की सबसे चर्चित ज्योतिषीय पत्रिका फ्यूचर समाचार में शोधारित लेख एवं भविष्यकथन के कॉलम नियमित रुप से प्रकाशित होते रहते हैं। जीवन की स्थिति, आय, करियर, नौकरी, प्रेम जीवन, वैवाहिक जीवन, व्यापार, विदेशी यात्रा, ऋण और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, धन, बच्चे, शिक्षा, विवाह, कानूनी विवाद, धार्मिक मान्यताओं और सर्जरी सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं को फलादेश के माध्यम से हल करने में विशेषज्ञता रखती हैं।