कारोबार में तरक्की और लाभ के लिए आज़माएं ये उपाय

Indian Astrology | 07-Apr-2020

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कौन है जो अमीर नहीं बनना चाहता! पैसा किसे नहीं चाहिए! लेकिन अधिक पैसा कमाने के लिए आपका कारोबार, व्यवसाय अच्छा चलना चाहिए। व्यवसाय शुरु करने के लिए भी आपको पैसे की ज़रूरत होती है। आप धन निवेश करते हैं। इसलिए इसमें जोख़िम भी होता है। अक्सर देखने में आता है कि अच्छा-भला चल रहा बिज़नेस भी ठप्प हो जाता है। फ़िर अगर आपने नया-नया काम शुरु किया है तो आपको अधिक सावधान रहने की ज़रूरत होती है।

बिजनेस चलाने के लिए दिमाग की ज़रूरत होती है। लेकिन दिमाग और हुनर के साथ-साथ भाग्य का साथ होना भी ज़रूर होता है। इसलिए अगर बहुत मेहनत करने के बावजूद भी आपके कारोबार में वृद्धि नहीं हो रही हो या लाभ कम या न मिल पा रहा हो तो ज्योतिष के इन उपायों का आज़माएं। इनसे आपको ज़रूर लाभ होगा।

व्यापार में वृद्धि के लिए यंत्र पूजन

हिंदू ग्रंथों के अनुसार पूजा के समय यंत्रों का बहुत अधिक महत्व होता है। यंत्रों का आपके जीवन पर सकारातमक प्रभाव पड़ता है। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है। जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप व्यापार-कारोबार में वृद्धि के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा कर सकते हैं। किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह से शुभ मुहूर्त देखकर आप इसे अपने कार्यक्षेत्र पर स्थापित करें। प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष में रविवार का दिन इसकी स्थापना के लिए शुभ माना जाता है। इस यंत्र की पूजा करते समय ऊँ श्री ह्रीं क्लीं महालक्ष्मै नम:” मंत्र का जाप करें। रोज़ाना इस यंत्र की पूजा करने से आपके व्यापार तथा कारोबार में तरक्की होगी।


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गोमती चक्र से होगी धन की वर्षा

यह गोमती नहीं में पाया जाने वाला सफेद रंग का चक्रनुमा पत्थर होता है इसीलिए इसे गोमती चक्र कहा जाता है। इस पत्थर को मां लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है। मां लक्ष्मी धन-समृद्धि की देवी हैं। व्यवसाय में वृद्धि और अधिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि व्यवसाय के स्थान पर इसे स्थापित करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। व्यापार में आने वालीं रुकावटें दूर होती है। मां लक्ष्मी आपके व्यवसाय को बुरी नज़र से बचाती हैं। अपने व्यवसाय के स्थान पर शुक्ल पक्ष में गुरुवार के दिन या गुरु की होरा में आप 12 गोमती चक्र पर हल्दी और केसर का तिलक लगाकर रख दें। फ़िर देखिए, कैसे आपके व्यवसाय में दिन दुगनी और रात चौगुनी तरक्की होती है!

व्यापार में तरक्की के लिए कछुआ यंत्र

धार्मिक मान्यताओँ के अनुसार कछुआ भगवान विष्णु का रूप होता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर समुद्र मंथन के समय मंदराचल पर्वत को अपने कवच पर थामा था। ऐसा माना जाता है कि जहां कछुआ होता है वहां लक्ष्मी स्वयं ही प्रकट होती है। हिंदू धर्म के लोग अपने घर में कछुए को रखना बेहद शुभ मानते हैं। फेंग शुई का कछुआ (Feng Shui Tortoise) अपने घर या कार्य स्थल पर रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। अपने ऑफ़िस या काम के क्षेत्र पर इसे स्थापित करने से आपके व्यवसाय में तरक्की होती है:

  • सकारात्मक ऊर्जा से आप में उत्साह रहता है। आप अपने काम में अधिक दिलचस्पी लेने लगते हैं।
  •  यह आपको फिट भी रखता है इसलिए आप जल्दी थकते नहीं हैं।
  • इसे स्थापित करने से आपके व्यवसाय में आने वाली सभी बाधाएं अपने आप ही दूर होने लगती हैं।
  • यह आपको आपके शत्रुओं और प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त करने में मदद करता है।
  • अगर आप अपने कारोबार को आगे बढ़ाना चाहते हैं या कारोबार में घाटा हो रहा है तो आपको यह कछुआ अवश्य स्थापित करना चाहिए।
  • इसके प्रभाव से आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

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आर्थिक लाभ के लिए लाजवर्त

लालवर्त (Lajwart) को अंग्रेज़ी में लेपिस लेजुली (Lapis Lazuli) कहते हैं। शनि, राहु और केतु इन तीनों क्रूर ग्रहों को शांत और प्रसन्न करने के लिए यह सबसे कारगर उपाय है। इसे धारण या स्थापित करने से आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है। आपके आस-पास का वातावरण सकारात्मक और ख़ुशनुमा होता है। व्यापार और कारोबार में आने वाली सभी रुकावटें दूर होती हैं। यह शनि ग्रह का उपरत्न माना जाता है इसलिए अगर आपकी कुंडली में शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो आप इसे धारण कर सकते हैं। इसके अलावा अगर केतु या राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो भी इसे धारण किया जा सकता है। तनाव, नौकरी या व्यापार में अड़चनें और पितृ दोष दूर करने में भी यह रत्न मदद करता है।

पत्रकार, एक्जीक्यूटिव, साइकोलॉजिस्ट के क्षेत्र से जुड़े लोग इसे धाऱण कर सकते हैं। इस रत्न का संबंध शनि ग्रह से होता है इसलिए शनिवार के दिन या शनि की होरा में इसे धारण करना शुभ होता है। इस रत्न को आप मध्यमा अंगुली में चांदी की अंगूठी में ज़वाकर या लॉकेट में पहन सकते हैं। पूरे विधि-विधान से धूप-दीप और पूजा करने के बाद ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: मंत्र का 108 बार जाप करें और उसके बाद इसे धारण करें। आप चाहें तो अपने व्यवसाय के स्थान पर लेपिस लेजुली पिरामिड भी स्थापित कर सकते हैं।

व्यापार में वृद्धि के 10 सरल उपाय

ज्योतिष के निम्न उपाय करके भी आप व्यापार में वृद्धि कर सकते हैं:

  • लक्ष्मीनारायण मंदिर में हर शुक्रवार गुड़ चना बांटे। अपने व्यापारिक स्थल के मंदिर में लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें, ख़ुशबुदार अगरबत्ती जलाएं और प्रार्थना करें। 
  • व्यापार में स्थायी लाभ पाने के लिए गाय, कुत्ते और कौवों को रोटी दें।
  • नींबू और हरी मिर्च के सरल उपाय से भी आप अपने व्यवसाय में वृद्धि कर सकते हैं। इसके लिए 7 हरी मिर्च और 7 नींबू लेकर माला बनाएं और उसे अपनी दुकान या व्यवसाय के स्थान पर उस जगह लगाएं जहां ग्राहक की निगाह पड़ती हो।
  • लगातार 7 शनिवार पीपल का पत्ता लेकर उसे पानी से अच्छी तरह धोकर धूप-दीप दिखाने के बाद दुकान या कार्य स्थल पर उस जगह पर रखें जहां आप बैठते हैं। सात शनिवार पूरे होने के बाद इन सभी पत्तों को किसी नहर या बहते जल में बहा दें। ऐसा करने से व्यापार में वृद्धि होगी।
  • कच्चे सूत के प्रयोग से भी आप व्यापार में वृद्धि कर सकते हैं। इसके लिए कच्चा सूत लेकर उसे केसर के घोल में भिगो कर रंग दें और फिर अपने कार्यक्षेत्र पर बांध दें।
  • कपूर और रोली को जलाकर एक कागज़ में लपेट कर उसे कार्य स्थल या घर में उस जगह रखें जहां आप अपना धन रखते हैं। इससे आपको आर्थिक लाभ होगा। आपकी तिजोरी कभी खाली नहीं रहेगी।
  • लड़ाई, झगड़े और क्लेश वाले घर में लक्ष्मी का निवास नहीं होता इसलिए घर में शांति, प्रेम और ख़ुशहाली का वातावरण बनाएं रखें।
  • यदि व्यापार ठीक न चल रहा हो तो शुक्ल पक्ष के किसी भी दिन व्यापारिक स्थल के दरवाज़े के दोनों ओर गेंहूं का 1 मुट्ठी आटा रख दें। ध्यान रहे, ऐसा करते वक्त किसी की नज़र आप पर न पड़े। आपको यह उपाय 1 माह 13 दिन तक करना होगा। ऐसा करने से आपको व्यापार में लाभ होगा।
  • व्यापार में कोई समस्या चल रही हो तो किसी सफल कारोबारी के यहां जाएं और वहां से कोई लोहे की वस्तु ले आएं। इसके बाद अपने कार्य स्थल पर किसी भी जगह हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। उसके ऊपर थोड़ी सी साबुत काली उड़द रखें और उसके ऊपर वह लोहे की वस्तु रख दें। इसके बाद आपके व्यवसाय में भी तरक्की होने लगेगी।
  • दुकान या कार्य स्थल के अंदर जाने से पहले अपना दाहिना हाथ ज़मीन पर लगाएं और उसके बाद मस्तक और हृदय पर लगाएं, ठीक उसी तरह जिस तरह किसी पूजा स्थल में दाख़िल होने से पहले हम करते हैं। इस सरल नियम का पालन अवश्य करें।

व्यापार और कारोबार में वृद्धि के ऐसे ही अन्य उपाय जानने के लिए आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।