राखी 2022 : रक्षाबंधन पर इस मुहूर्त में बांधें भाई को राखी, बहन-भाई का प्यार होगा और भी मजबूत
Indian Astrology | 07-Jul-2022
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हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्योहार का बहुत ज्यादा महत्व है। यह त्योहार भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार है। इस दिन बहन अपने भाई के हाथ पर राखी बांधती है और उससे अपनी रक्षा करने का वादा लेती है।
रक्षा बंधन 2022 का मुहूर्त
11 अगस्त को गुरुवार के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन प्रदोष मुहूर्त रात के 8 बजकर 51 मिनट से लेकर 9 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। यह मुहूर्त 22 मिनट तक का है।
रक्षा बंधन भद्रा अंत होने का समय - रात के 8:51
रक्षा बंध भद्रा पंछा : शाम के 5:17 से 6:18 तक
रक्षा बंधन भद्रा मुख : शाम के 6:18 से रात के 8 बजे तक
पूर्णिमा तिथि का आरंभ : 11 अगस्त को सुबह 10:38 से
पूर्णिमा तिथ अंत : 12 अगस्त को सुबह 7:05 तक
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन को राखी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच अपार प्रेम, विश्वास और अटूट बंधन का प्रतीक है। यह त्योहार सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं रखता बल्कि इसे सामाजिक मान्यता भी प्राप्त है। चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल शासक हुमायूं को राखी भेजी थी। रानी ने अपने साम्राज्य को बहादुर शाह से बचाने के लिए मुगल बादशाह से रक्षा मांगने के लिए यह राखी भेजी थी। हुमायूं को रानी का यह व्यवहार बहुत पसंद आया और उन्होंने उनके वंश की रक्षा की।
श्रीकृष्ण की कहानी
महाभारत काल में एक बार श्रीकृष्ण की उंगली कट जाती है और लगातार खून बहता रहता है। तब द्रौपदी अपनी साड़ी से कपड़ा फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांधती है। वस्त्रहरण के दौरान श्रीकृष्ण ने इसीलिए द्रौपदी की रक्षा की थी।
ज्योतिष में रक्षाबंधन का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि मंगल, गुरु, चंद्रमा और सूर्य के खगोलीय पिंड एक-दूसरे से रक्षा सूत्र से बंधे हुए हैं। सभी ग्रह एक परिवार के रूप में चित्रित किए गए हैं। कहते हैं कि बहन के भाई के हाथ पर राखी बांधने से मंगल ग्रह को मजबूती मिलती है। इस वजह से इस त्योहार का ज्योतिष में बहुत महत्व है।
रक्षा सूत्र का महत्व
इस त्योहार पर बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी या रक्षा सूत्र बांधने का बहुत महत्व है। इस धागे को बांधकर बहन अपने भाई की तरक्की और खुशियों की कामना करती है और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। इस रक्षा सूत्र को बहुत ही पवित्र माना जाता है। पुरातन धर्म में बरगद के पेड़ पर कलावा बांधकर, उस पर टीका लगाकर चावल चढ़ाने और आरती करने की रीति थी। इस तरह स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती थीं। ठीक उसी तरह रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर धागा बांध कर बहनें उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।
रक्षाबंधन पूजन विधि
इस दिन को भारत के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस शुभ दिन की पूजन विधि इस प्रकार है :
- श्रावण मास की पूर्णिमा को सूर्योदय से पहले स्नान कर लें।
- देवताओं और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद लें।
- घर के पूजन स्थल में जाकर भगवान गणेश और अन्य देवताओं को राखी या रक्षा सूत्र अर्पित करें। जिन लड़कियों के भाई नहीं हैं, वो भी भगवान को राखी अर्पित कर सकती हैं।
- इसके राखी की थाली सजाएं।
- भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उसके सीधे हाथ की कलाई पर राखी बांधें।
- भाई के हाथ में नारियल दें और उसकी आरती करें।
- इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं।
- इस अवसर पर हर भाई अपनी बहन को तोहफा देता है।.
राखी की थाली कैसे सजाएं
रक्षाबंधन पर होने वाली रीति के लिए थाली के बीच में पहले स्वास्तिक बनाएं। इसमें साबुत अक्षत यानि चावल रखें। रोली, नारियल, एक छोटा कलश, रक्षा सूत्र और मिठाई रखें।
रक्षाबंधन के उपाय
इस शुभ अवसर पर कुछ ज्योतिषीय उपायों की मदद से आप अपने घर में सुख और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं। ये उपाय हैं :
पूर्णिमा के दिन लक्ष्मीनारायण की पूजा की जाती है। इस दिन विष्णुसहस्त्रनाम और कनकधारा का पाठ करने से घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास रहता है।
इस दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को अन्न और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
रक्षाबंधन पर माता-पिता का आशीर्वाद लेने से आयु लंबी होती है और समाज में सम्मान बढ़ता है।
राशि अनुसार चुनें राखी का रंग
इस दिन आप अपने भाई की राशि अनुसार राखी का रंग चुन सकती हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस रक्षाबंधन किस राशि के भाई के लिए किस रंग की राखी शुभ रहेगी।
मेष राशि
इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं और उन्हें लाल रंग प्रिय होता है। आप अपने मेष राशि के भाई को लाल रंग की राखी बांध सकती हैं। इससे उनके जीवन में शुभता और सफलता का आगमन होगा।
वृषभ राशि
राशिचक्र की दूसरी राशि वृषभ का स्वामी ग्रह शुक्र ग्रह है इसलिए आप इस राशि के लड़कों को सिल्वर या गुलाबी रंग की राखी बांध सकती हैं।
मिथुन और कन्या
इन दोनों राशियों का स्वामी ग्रह बुध हैं और उनका प्रिय रंग हरा होता है इसलिए आप मिथुन और कन्या राशि के भाईयों को हरे रंग की राखी बांध सकती हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और सफेद रंग को इनका प्रतीक माना जाता है। आप अपने कर्क राशि वाले भाई को सफेद या गुलाबी रंग की राखी बांधें। इससे उनके जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होगा।
सिंह राशि
अगर आपके भाई की सिंह राशि है तो आप उन्हें केसरी या नारंगी रंग की राखी बांध सकती हैं।
तुला राशि
इस राशि के लोगों का स्वामी भी शुक्र देव ही हैं। इनके लिए सिल्वर या गुलाबी रंगी की राखी उत्तम रहेगी।
वृश्चिक राशि
इस राशि का स्वामी भी मंगल ग्रह ही है। इन्हें भी लाल रंग की राखी बांधना शुभ रहेगा।
धनु और मीन राशि
इन दोनों राशियों का स्वामी बृहस्पति ग्रह है और उन्हें पीला रंग बहुत पसंद है। आप अपने भाई को पीले रंग की राखी बांध सकती हैं।
मकर और कुंभ राशि
मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। इन दो राशियों के भाई को आप नीले रंग की राखी बांध सकती हैं।