शीघ्र विवाह के लिए और जीवन मे सुख समृद्धि प्राप्ति के लिए अवश्य कीजिये मां कात्यायनी की पूजा ।
Indian Astrology | 28-Aug-2019
Views: 6807हिन्दू शास्त्र में नव दुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह सम्बन्धी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है. योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है. ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाना चाहिए।
मां कात्यायनी की पूजा से किस तरह की मनोकामना पूरी होती है-
- कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा अद्भुत मानी जाती है।
- मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है।
- वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है।
- यदि कुंडली में विवाह के योग क्षीण हों तो भी विवाह हो जाता है।
मां कात्यायनी का सम्बन्ध किस ग्रह और देवी-देवता से है-
- महिलाओं के विवाह से सम्बन्ध होने के कारण इनका भी सम्बन्ध बृहस्पति से है।
- दाम्पत्य जीवन से सम्बन्ध होने के कारण इनका आंशिक सम्बन्ध शुक्र से भी है।
- शुक्र और बृहस्पति, दोनों दैवीय और तेजस्वी ग्रह हैं, इसलिए माता का तेज भी अद्भुत और सम्पूर्ण है।
- मां कात्यायनी का सम्बन्ध कृष्ण और उनकी गोपिकाओं से रहा है और ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं।
Get Brihat Parashar Patrika Online
किस प्रकार करनी चाहिए मां कात्यायनी की सामान्य पूजा-
- गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।
- मां कात्यायनी को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें. इओ शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है।
- मां कात्यायनी को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम सम्बन्धी बाधाएं भी दूर होंगी।
- इसके पश्चात मां कात्यायनी के समक्ष उनके मन्त्रों का जाप करने चाहिए।
मां कात्यायनी के मंत्र-
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
मां कात्यायनी स्त्रोत-
कंचनाभा वराभयं पद्मधरा मुकटोज्जवलां।
स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकार भूषितां।
सिंहस्थितां पदमहस्तां कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥
परमांवदमयी देवि परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति,कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥
मां कात्यायनी की कथा -
कात्यायनी देवी की कथा देवासुर संग्राम में देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए महिषासुर जैसे दानवों का संहार करने के लिए देवी महर्षि कात्यायन के आश्रम पर प्रकट हुईं, महर्षि ने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया।ल इसलिए ये ‘कात्यायनी’ नाम से उनकी प्रसिद्धि हुई, इस प्रकार देवी का यह रूप पुत्री रूप है और इनका यह रूप निश्छल पवित्र और प्रेम का प्रतीक है लेकिन यदि इन्हें कुछ अनुचित दिखता है तो ये अपने भयंकर क्रोध रूप में भी आ जाती है. शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जिनकी शादी नहीं हुई होती है उन्हें कात्यायनी की पूजा अत्यंत लाभकारी होता है। जिन कन्याओं के विवाह कोई बाधा आती है उन्हें मां कात्यायनी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए,इस मंत्र से देवी कात्यायनी की पूजा करने से शादी में आ रही बाधा खत्म होती है और साथ ही सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
Also Read: नवरात्रि के छठे दिवस - माँ कात्यायनी की कथा एवं पूजा विधि।
शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा-
- गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
- मां कात्यायनी के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें।
- इसके पश्चात मां कात्यायनी को 3 गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं।
- मां कात्यायनी के मन्त्रों का जाप करना चाहिए।
शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी का मन्त्र इस प्रकार है-
“कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।“
- विधिवत मां कात्यायनी की पूजा करने के पश्चात हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें।
मां कात्यायनी की उपासना से कैसे बढ़ेगा तेज-
- मां कात्यायनी को शहद अर्पित करना चाहिए।
- अगर ये शहद चांदी के या मिटटी के पात्र में अर्पित किया जाए तो ज्यादा उत्तम होता है।
- ऐसा करने से आपका प्रभाव बढ़ेगा और आकर्षण क्षमता में वृद्धि होगी।
Expert astrologers at Future Point could provide you with remedies and Pooja methodologies for Pitra Dosha, after analyzing your horoscope