Indian Astrology | 29-Jan-2021
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वास्तु शास्त्र के कुछ चमत्कारी उपाय-
नववर्ष की शुरुआत मंदिर जाकर करनी चाहिए। आप किसी मंदिर में नवरत्न से निर्मित अष्टधातु में बना हुआ छोटा सा स्वस्तिक पूर्व की दीवार पर लगावाएं। इससे ग्रहों के दोष खत्म हो जाएंगे और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होगी।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घरों में नल अथवा टंकियों से अनावश्यक बहता पानी शुभ नहीं माना जाता है। कहते हैं कि जिस घर में ऐसा होता है, वहां बरकत नहीं होती है। और बेवजह धन खर्च होता रहता है।
वास्तु के अनुसार परिवार में शांति और खुशहाली के लिए नल के पानी का प्रवाह हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार के ऊपर, अंदर और बाहर कभी अंधेरा न रहने दें। हो सके तो रात के समय अंदर और बाहर दोनों जगह पीले रंग की लाइट का जीरो वॉट का बल्ब लगाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रहेगी औऱ गृह स्वामी के कार्यों में रुकावट नहीं आएगी।
हमेशा घर के दरवाज़े पर अपनी नेम प्लेट ना लगाएं क्योंकि दरवाज़ा हिलने के कारण गृह स्वामी के कार्यों में स्थिरता नहीं बन पाती है। इसलिए नेम प्लेट को दीवार पर लगाएँ और इसे आकर्षक बनवाएं जिससे आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। साथ ही ध्यान रखें कि उस पर धूल मिट्टी या गंदगी न लगे।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए घर के प्रत्येक कोने में कपूर रखना चाहिए और उस कपूर को स्वत: घुलने देना चाहिए। जब कपूर पूरा घुल जाए तो दूसरा टुकड़ा रख देना चाहिए। इससे वास्तु के दोष से राहत मिलती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, छत पर दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर से पानी की टंकी लगाना शुभ माना जाता है।
पौधों को हर दिन पानी देने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं और परिवार के सदस्यों के बीच भाईचारा बना रहता है।
वास्तु में कहा गया है कि व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए सिर दक्षिण और पैर उत्तर दिशा की ओर करके सोना चाहिए। कहते हैं कि इस दिशा में सोना से धन, खुशी और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वास्तु में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। इसलिए घर के अंदर कभी भी भड़कीले रंगों का इस्तेमाल न करें, इससे घर में रहने वालों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर कोई रंग समझ में न आए तो सफेद रंग की पुताई करा लें। इससे घर में रहने वाले सदस्यों के मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में बैठकर खाने की व्यवस्था करना शुभ होता है। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
घर के मध्य भाग में कभी भारी सामान या वस्तु ना रखें। हमेशा मध्य भाग खाली एवं रोशनी वाला बनवाएं। इससे घर के सदस्यों में मानसिक तनाव नहीं रहेगा और कार्य क्षेत्र में प्रगति होगी।
घर या ऑफिस में पूजा का स्थान हमेशा ईशान कोण में ही करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से परिवार में खुशहाली और समृद्धि आती है।
नए साल में अगर आप अपने कर्ज से मुक्ति चाहते हैं तो आग्नेय कोण पर बनी सीढ़ी या टॉयलेट को हटवा दें। मंगलवार के दिन अपने मुख्य द्वार के दोनों चौखट के मध्य दो दीपक लंबी बातीयों वाले और थोड़ा सरसों का तेल एवं एक चुटकी काले तिल डालकर प्रज्जवलित करें। शाम के समय चौमुखी दीपक को जलाएं। चारों दिशाओं से रास्ता खुलेगा और कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी मंदिर नहीं बनवाना चाहिए। जिस घर में ऐसा होता है वहां बरकत नहीं आती है।
बिजनेस में स्थिरता के लिए दक्षिण दिशा की दीवार पर पहाड़ का चित्र या किसी बिल्डिंग का चित्र या 7 घोड़े दौड़ते हुए की तस्वीर लगानी चाहिए।
घर के ईशान कोण में आप तुलसी, बिल्व पत्र और आंवले का पौधा लगा सकते हैं। इन तीनों पौधों को रोपने से घर में धन संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
यदि विवाह में देरी हो रही है या योग नहीं बन पा रहे हैं, तो पश्चिम दिशा में लड़कियों को मुंह करके सोना चाहिए। चांदी से बना हुआ चंद्र यंत्र पूजा स्थल पर स्थापित करें। इससे विवाह के योग बनेंगे और लड़कों को ईशान कोण में सुलाएं और तांबे का बृहस्पति यंत्र स्थापित करें।